स्वयं मरे वगैर कभी स्वर्ग नहीं जा सकते हैं!! स्वयं मरे वगैर कभी स्वर्ग नहीं जा सकते हैं!!
समय रहते अपने कर्म सुधार कर अच्छे लोक को जा सकते हैं।" समय रहते अपने कर्म सुधार कर अच्छे लोक को जा सकते हैं।"
परंतु उसकी टोकरी अनगिनत पुण्य से भरी हुई थी। और वह खाली हाथ नहीं गया था। परंतु उसकी टोकरी अनगिनत पुण्य से भरी हुई थी। और वह खाली हाथ नहीं गया था।
वास्तव में सोचने वाली बात है, हम कितना ही ऊंच-नीच मान लें, अंत में उसी अग्नि से इस शरीर वास्तव में सोचने वाली बात है, हम कितना ही ऊंच-नीच मान लें, अंत में उसी अग्नि से ...
उसके बराबर नहीं हो सकते जो एक क्षण के अच्छी संगत से होता है। उसके बराबर नहीं हो सकते जो एक क्षण के अच्छी संगत से होता है।
"बाबू आपके घर में एक मन्दिर है--मेरा निवेदन है --मुझको वहाँ कल शामपूजा के लिए प्रवेश कर "बाबू आपके घर में एक मन्दिर है--मेरा निवेदन है --मुझको वहाँ कल शामपूजा के लिए प्...